रंगों को रंगीलो पर्व होरी अपणा रंगु मा रंग्यूं छ।
ऐंसु खड़ी होरी ल्हेकि थलीसैण का राठ क्षेत्र कि त्रिपटी टोली का होल्यारुन को कमाल

पौड़ी गढ़वाल
रंगों को रंगीलो पर्व होरी अपणा रंगु मा रंग्यूं छ गढ़वाल मा होरि कि अपणि खास परंपरा छ जख बैठी होरि अर खड़ी होरी खेले जांदन। ऐंसु खड़ी होरी ल्हेकि थलीसैण का राठ क्षेत्र कि त्रिपटी टोली का होल्यारुन कमाल करिदे।
ये होल्यार होरी का बाना अपणां गौं बिटि प्रदेश कि राजधानी तलक गैनि अर राजधानी मा अपणा घर गौं भूली रंगमत होयां लोगु तैं रुलैकि ऐगेनि।
य त्रिपटी टोली थलीसैंण ब्लाक का राठ क्षेत्र कि तीन पट्ट्यूं ढाईज्यूली, कण्डारस्यूं अर बाली कण्डारस्यूं का होल्यारु कि टोली छ। यूं होल्यारुन होली का गीतों का दगड़ा दगड़ि घर गौं कि ब्यथा कथा का गीत बि मिसै देनी। यूंन गौं का यना गीत लगैनि जु सुणदारों कि जिकुड़ि तलक पौंछिन।जौंन यि गीत सुणिन वूं अपणा घर- गौं कि याद ऐगे अर वु वीं याद मा ख्वे गेनि।
यू त्रिपटी का गौं का लोगू घर- घर जैकि यूं होल्यारुन वूंका घर गौं का मनख्यों कि कथा सुणै दीन।वूंका घर बण कि यनि कथा लगै कि वू वीं कथा सूणी रोंण लगि गेन।
अपणा गीतों मा यूं होल्यारुन अपणा घर गौं आबाद करणो भौत बढ़िया रैबार दे। गौं मा उजड़दि कूड़्यूं कि कथा सुणौणो ये से बढ़िया बगत क्य ह्वे सकदो छौ जब लोग गौर से गीत सणणों कंदूड़ लगांदन अर यि कलाकार पलायन कि कथा सुणै गेन। यूं कलाकारु को गायन वादन अर नृत्य भि भौत अच्छो छ। यूं कलाकारुन ये साल सब्यूं को मन जीत दे तबित उत्तराखण्ड का मुख्यमंत्रीन बि यि होल्यार मुख्यमंत्री आवास मा न्यूतिन।