गढ़वाली भाषा पर द्वि दिनै कार्यशाला को समापन
लिंग, वचन व गढ़वाळि कथा-कहानि पर ह्वे गंभीर चर्चा

साहित्यक संस्था कलश ट्रस्ट द्वारा गढ़वाली भाषा पर द्वि दिनै कार्यशाला को आज समापन ह्वेगे। आज दुसरा दिन ‘गढ़वाली भाषा मा लिंग भेद व वचन’ अर ‘कहानी लेखन मा कथानक व शिल्प’ विषय पर विस्तृत चर्चा ह्वे।
आज समापन दिवस पर साहित्यविद् डाॅ० सविता मोहन न् बोले कि अन्य भाषाओं का साहित्य को गढ़वाली मा अनुवाद होणू छ पर अब गढ़वाली मा रच्यां गढ़वाली साहित्य को अन्य भाषाओं मा अनुवाद कर्नै आवश्यकता छ। गढ़वाली साहित्य का अनुवाद से जख गढ़वाली साहित्य तैं नयो विस्तार मिललो वखी साहित्यकारों तैं भी एक नई पहचान मिललि।
आज कार्यशाला की दुसरी दिन वक्ताओं न् लिंग वचन अर कहानी पर विस्तार से चर्चा करे। डाॅ० वीरेन्द्र बर्त्वाल जी न् गढ़वाली मा लिंग भेद पर बोले कि गढ़वाली मा संस्कृत, राजस्थानी, गुजराती व पंजाबी भाषाओं का लक्षण प्रकट होंदन।
गढ़वाली भाषा मा ‘वचन’ पर विमल नेगी न् एक वचन, बहुवचन, उकारांत, ओकारांत, इकारांत, आकारांत स्त्रीलिंग अर पुर्लिंग पर विस्तार से अपणो प्रस्तुतीकरण दे। डाॅ० सविता मोहन न् कहानी का शिल्प, मुकेश नौटियाल न् कथा का कथ्य अर गजेन्द्र नौटियाल न् कहानी का वास्ता भावभूमि कन मा तैयार होंदि, विषय पर अपणा विचार रखीन्। कार्यशाला मा गढ़वाली कथाकार बलवीर राणा अडिग अर कमल रावत न् बि अपणा विचार व्यक्त करीन्। ओमप्रकाश सेमवाल न् सबि प्रतिभागियों को आभार प्रकट करे। संचालन गणेश खुशाल गणी अर बीना बेंजवाल ने संयुक्त रूप से करे।

यीं कार्यशाला मा मदन मोहन डुकलाण, कुलानंद घनशाला, रमाकान्त बेंजवाल, मनोज भट्ट गढ़वाळि, ओमप्रकाश सेमवाल, ओम बधाणी, शांति प्रकाश जिज्ञासु, देवेन्द्र उनियाल, डॉ० प्रीतम अपछ्याण, दिनेश ध्यानी, बलवीर राणा अडिग, सुशील बुड़ाकोटी, कान्ता घिल्डियाल, अनूप वीरेन्द्र कठैत, जगमोहन रावत, जयपाल सिंह रावत, डाॅ० वीरेन्द्र बर्त्वाल, रक्षा बौड़ाई, अर्चना गौड़, अंजना कंडवाल, संगीता बहुगुणा, जीवन्ती खोयाल, भगवती सुन्दरियाल, आकृति मुण्डेपी, गीता नौटियाल, सुरेश स्नेही, डॉ० उमेश चमोला, शिव दयाल शैलजा, सुरेश स्नेही, नंदन राणा नवल, देवेश जोशी, मोहन प्रसाद डिमरी, कान्ता घिल्डियाल, डॉ० जगदम्बा कोटनाला, डाॅ० सत्यानंद बडोनी, प्रेमलता सजवाण, नीता कुकरेती, बीना कण्डारी, मधुरवादिनी तिवारी, धनेश कोठारी, अंजना कंडवाल, रक्षा बोड़ाई, विनीता मैठाणी, उपासना सेमवाल, आशीष सुन्दरियाल, बेलीराम कनस्वाल, महेन्द्र ध्यानी, अनिल सिंह नेगी, रिद्धि भट्ट, अरविंद प्रकृति प्रेमी, अश्वनी गौड़, मोहन वाशिष्ठ, प्रेम मोहन डोभाल, अर्चना सेमवाल, मुरली दीवान, वेदिका सेमवाल, माधव सिंह नेगी, अरविंद प्रकृति प्रेमी, आशीष डंगवाल आदि कवि, लेखक व साहित्यकार उपस्थित छया।