
पौड़ी,गढ़वाल का गौं अजकाल आबाद लगणा छन। गर्म्यूं कि छुट्यूं मा लोग घर गौं पौंछ्यां छन। गौं- गौं मा लोग द्यो पुजै अर ग्रामोत्सव का बाना अपणा घौर पौंछ्यांन। अजकाल गढ़वाला गौं का गौं मनख्योंन भर्यांन। कखि देव पूजा होंणी छन अर कखि गौं अपणो कौथीग उर्यांणा छन।

गौं मा होंण वाला यि आयोजन जरा- जरा करी भौत लोकप्रिय ह्वेगेन।अब त देखा देखी सबि गौं मा लोग द्यो पुजै उर्यांण लगिन। य गढ़वाल का वास्ता भौत अच्छु छ।कम से कम ये बाना त लोग घरबौड़ा होणा छन।
अब जब लोग अपणा गौं औणान त अपणा – अपणा घरु तैं बि बणौण लगि गेन। गौं कि जु कूड़ि बरसु पैलि खंद्वार ह्वेगे छै वु कूड़ि अब फिर से बणयेणी छन।यी ना यूं कारिजु से नै पीढ़ी अपणि घर गौं से बि जुड़णी छ अर संस्कृति तैं बि जणणी छ।