खबरसारवार ध्वार

गढ़वाल विश्वविद्यालय मा मनये गे मातृभाषा दिवस

सूण ल्यो

निवेदन: ‘सूण ल्यो’ बटन पर क्लिक करिक आप खबर पढ़णै जगा सूण बि सकदन

शुक्रवार दिनांक २१ फरवरी २०२५ मा अधिष्ठाता छात्र कल्याण बोर्ड, गढ़वाल केन्द्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर का तत्वावधान मा हिंदी एवं आधुनिक भारतीय भाषा विभाग द्वारा विश्वविद्यालय का एसीएल सभागार मा *अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस* मनये गे।

ये अवसर पर विश्वविद्यालय का शोधार्थियों अर छात्र-छात्राओं न् मातृ भाषा का संदर्भ मा स्वरचित कविताएं प्रस्तुत करीन्। हिंदी का अलावा क्षेत्रीय भाषाओं गढ़वाली, उड़िया, भोजपुरी आदि मा बि कविताएं, गीत प्रस्तुत करे गेनि।

ये अवसर पर उपस्थित हिंदी विभाग का असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ कपिल देव पँवार न् भाषा तैं रोजगार से जोड़नै बात करे । हिंदी विभाग का असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अनूप सेमवाल न भाषा तै संस्कारों को वाहक बतै अर बोले कि पारिवारिक अर सामाजिक संस्कृति का वास्ता मातृभाषा भौत जरूरी छ । डॉ सविता मैठाणी न् अपणा उद्बोधन मा मातृभाषा को महत्व बतै। कार्यक्रम मा उपस्थित कला संकाय की संकायाध्यक्ष प्रो०  मंजुला राणा को बोलणो छौ कि “मातृभाषा प्राणवायु की समान छ। पुस्तकों मा भाषा का सैद्धांतिक रूप जणण का बजाय हमतैं वेका व्यवहारिक रूप तैं देखण चयेंद। अपणा अध्यक्षीय उद्बोधन मा हिंदी विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो० गुड्डी बिष्ट पँवार न अपणि मातृभाषा गढ़वाली मा अपणा विचार रखीन् । वून बोले कि  “मातृभाषा मा पढ्न अर बुन वाऴा छात्र छात्राएं हमरि थाति छन , जब भाषा या बोलि मरदि त हमरु अस्तित्व खतम ह्वे जांद।”

कार्यक्रम मा हिंदी विभाग का शोधार्थी राकेश सिंह न् अपणि मातृभाषा गढ़वाली मा *’द्वी बैंणि’* कविता का माध्यम से हिंदी अर गढ़वाली का संघर्षशील विकास यात्रा पर प्रकाश डाले। शोधार्थी दिवाकर साहू न् अपणि मातृभाषा उड़िया मा कविता सुणै। शोधार्थि सुनीता न् भोजपुरी मा कजरी गाई । कार्यक्रम मा विवि की अन्य छात्र छात्राओं विमल कुमार (चित्रकला विभाग) शीतल शर्मा (हिंदी विभाग) न भि स्वरचित कविताएं प्रस्तुत करीन्। कार्यक्रम को संचालन हिंदी विभाग का शोधार्थी शुभम् थपलियाल न करे।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button