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देहरादून: आसन झील बटि समै से पैलि उड़गिन् हजारों प्रवासि मैमान

ग्लोबल वार्मिंग का कारण तापमान को बढ़णौ मन्ये जाणो छ कारण

सूण ल्यो

“वेटलैंड कंजर्वेशन रिजर्व” (आसन झील) मा सात समंदर पार बटि प्रवास का वास्ता औण वल़ा अधिकांश प्रवासी पक्षी ये साल वक़्त से पैली अपणा देश बौड़िगिन्। दरसल, ग्लोबल वार्मिंग का कारण अचानक तापमान बढ़ण का कारण बगत से पैलि हि ये पक्षी उड गेनि।

ये साल फरवरी मैनै शुरुआत मा हि अचानक गर्मी बढ़ण से यूं प्रवासि मैमान पक्ष्यूं कि संख्या तेजी से घटगे। अब मार्च तक यूंकि संख्या केवल 500 का लगभग हि रैगे, जबकि आम तौर पर यख अक्टूबर से मार्च तक को समय यूं पक्ष्यूं का वास्ता माफिक मन्ये जांदो छौ, लेकिन ये साल अचानक फरवरी मा तापमान बढ़ण से शोधकर्ताओं तैं बि फ्रिक होण छ लगीं। वखि निकट भविष्य मा पर्यटन अर पक्षी प्रेम्यूं खुणि बि य चिंता की बात ह्वे सकद।

ह्यूंद मा सदनि कि तरां ये साल बि दर्जनों प्रजातियों का पाँच हजार से ज्यादा साइबेरियन चखुला यख प्रवास पर पौंछिन। ये दौरान साइबेरियाई पक्षियों का च्वींच्याट से सर्या आसन झील बिगरैलि दिखेणी छै, पर्यटक अर पक्षी प्रेमियों का वास्ता यो दृश्य दिखण लैक छौ। दगड़ मा विशेषज्ञों की देखरेख मा समय पर यूं चखुलों कि गिणति बि पूरि ह्वेगे छई, वखि यूं प्रवासि पक्ष्यूं कि सुरक्षा का वास्ता वन विभाग बि लगातार चक्कर लगाणो रै। ये साल बि तमाम शोधकर्ता अर पक्षी प्रेमियों का यख लैंजा लग्यां छया। ये साल शुर्खाब, कौमनकुट, लिटिल ग्रेब, क्रिस्टेड ग्रेब, इंडियन शेग, ग्रेट हेरोन, मलार्ड, नार्थन पिनटेल आदि तमाम प्रजातियों का पक्षी यख प्रवास खुणि पौंछ्यां छया।

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