देहरादून: विश्व रंगमंच दिवस (27मार्च) पर रंगमंच विभाग दून विश्वविद्यालय न् करे नाटक को मंचन
विद्यार्थियों न् संगीत अर नृत्य की कतनै प्रस्तुति देनि

दून विश्वविद्यालय का रंगमंच विभाग द्वारा 27 मार्च खुणि विश्व रंगमंच दिवस का अवसर पर एक कार्यक्रम को आयोजन करेगे। ये कार्यक्रम मा रंगमंच से जुड़ीं कतनै क्रियाकलापों को प्रदर्शन करेगे।
ये मौका पर दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो सुरेखा डंगवाल न् बोले कि रंगमंच व्यक्तित्व विकासै महत्वपूर्ण विधा छ किलैकी नाटक प्रस्तुति का दौरान व्यक्ति का शरीर मा मानसिक अर बौद्धिक स्तर पर तारतम्यता की भागीदारी रैंद। ज्यांसे एक विद्यार्थी का व्यक्तित्व को सम्पूर्ण विकास होंद।
प्रो एच० सी० पुरोहित न् बोले कि जीवन एक रंगमंच छ। हम तैं जीवन मा नित रोज अलग अलग भूमिकाओं को मंचन कर्न पड़द अर रंगमंच वूं भूमिकाओं से हि हमर व्यक्तित्व तैं निखरद।
रंगमंच विभाग बटि डॉ अजीत पंवार न् बोले कि विभाग लगातार विद्याथिर्यों की सृजन शक्ति विकसित कर्नै दृष्टि से काम कर्नू छ।
ये मौका पर विद्यार्थियों न् संगीत अर नृत्य की कतनै प्रस्तुति देनि अर एक हास्य नाटक ” सय्यां भयै कोतवाल” को मंचन बि करे जैको निर्देशन कैलाश कांडवाल न् करे। नाटक मा भ्रष्टाचार की पोल खुलदि दिखयीं छ कि काबिल लोगों की बजाय सत्ता मा भ्रष्ट लोग जो अपणा स्वार्थ का वास्ता कै बी हद तक जा सकदन। नाटक की भूमिकाओं मा हर्षित- हवलदार, मुस्कान-मैनावती, निखिलेश–सिपाही, रजत-कोतवाल, नितिन-राजा, गणेश–सख्या, विनीत- प्रधान, फरमान– संगीत, चेतना– वेशभूषा, अंजेश- मंच प्रबंधन आदि कलाकारों न् खास भूमिका निभै।
ये मौका पर प्रो० हर्ष डोभाल, डॉ चेतना पोखरियाल, डॉ माला शिखा, डॉ राशि मिश्रा, डॉ विवेक बहुगुणा, डॉ राजेश भट्ट , डॉ नरेंद्र रावल, डॉ सोनू कौर, डॉ अदिति बिष्ट आदि उपस्थित छया।