
श्रीनगर गढ़वाल।उत्तराखंड मा साहित्यिक पर्यटन तैं बढ़ौणा वास्ता हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केन्द्रीय विश्वविद्यालया पर्वतीय पर्यटन और आतिथ्य अध्ययन केंद्रन एक भौत सुन्दर अगल्यार करि। ये केन्द्रन उत्तराखंड मा सुमित्रानंदन पंत पर्यटन पथ को सर्वे करी एक वृतचित्र बणै।
विश्वविद्यालय का पर्वतीय पर्यटन एवं आतिथ्य अध्ययन केंद्र मा आयोजित एक कार्यक्रम मा सुमित्रानंदन पर्यटन पथ पर बणाईं डॉक्यूमेंट्री का दगड़ै हिमालयन टूरिज्म पत्रिका तैं विश्वविद्यालय का कुलपति प्रोफेसर मनमोहन सिंह रौथाण,विभागा पूर्व निदेशक प्रोफेसर एस. सी. बागड़ी अर विभागा निदेशक प्रोफेसर आर.के. डोडि जिन संयुक्त रूप से जारि करि।
ये मौका पर प्रोफेसर बागड़ीन बोलि इना अभिनव प्रयास से राज्य मा विशिष्ट पर्यटना द्वार खुलला। यि इनि कोशिश छन ज्यां से प्रकृति,पर्यावरण का दगड़ै साहित्य अर रचनात्मकतै पर्यटन विधा खुणै उत्तराखंड हिमालय पूरा देश अर दुन्या मा भौत खास जगा बणि जालो।इनो पर्यटन अपणा आप मा रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म तैं प्रोत्साहित करलो।
कुलपति प्रोफेसर रौथाण जीन बोलि कि विश्वविद्यालय द्वारा करेण वाला इना काम राज्य नियोजना वास्ता भौत फैदा वाला होला।वूंन बोलि कि सामुदायिक सहभागिता अर पर्यटन नियोजनों विश्वविद्यालय इना सर्वेक्षणों तथा डॉक्यूमेंटेशनों लगातार कोशिश करलो।
विश्विद्यालय का कुलसचिव अर केंद्रा निदेशक प्रोफेसर राकेश डोडिन बतै कि विभागन पैलि बि स्वामी विवेकानंद पर्यटन पथ,महात्मा गांधी पर्यटन पथ अर गंगा पथ को सर्वे करी डॉक्यूमेंट्री बणै।यि इना काम छया जौं पर पैलि दौं काम करेगे।
कुलसचिव डोडिश बतै कि सुमित्रानंदन पंत पर्यटन पथ मा कौसानी,गरुड़,बैजनाथ, ग्वालदम,सोमेश्वर, स्यूनारकोट, कटारमल,अल्मोड़ा जना पर्यटन स्थल शामिल छन अर यूंका दगड़ै ये पथ मा विलेज वॉक,ग्रामीण पर्यटन,प्रकृति पर्यटन,बर्ड वाचिंग, हिमालय दर्शन,साइकिलिंग, फोटोग्राफी, लिटरेचर फेस्टिवल,विरासत पर्यटन बि शामिल छ।यां से होम स्टे,लेखक कुटीर, स्मारिका पर्यटन,ब्लॉगर्स मीट जना काम बि अगनै बढ़ला।
केन्द्र निदेशक डॉ डोडिन बतै कि सुमित्रानंद पंत पर्यटन पथो सर्वेक्षण और डॉक्यूमेंटेशन पर्यटन विभागा परियोजना अधिकारी डॉक्टर सर्वेश उनियाला नेतृत्व अर संयोजन मा संपादित करेगे।