
इना समै मा जब राजनेताओं अर मंत्रियो का बारा मा या आम धारणा हो कि कव्वा नि छोड़दु अपणौ लव्वा, तब अगर इनि खबर खबर आवा कि एक दायित्वधारी (राज्य) मंत्रिन् सरकार से मिला वळि सब्बि सुविधा भत्ता ल्हेण से मना करि दे त अचंभा होण स्वाभाविक छ। मलै खाणा बाना त ये नेता रात दिन मुंड-कपाळि कना रांदन।
खैर, फिलहाल उत्तराखंड राज्य पूर्व सैनिक सलाहकार परिषद का अध्यक्ष कर्नल (से.नि.) अजय कोठियाल का मार्फत एक भल्लि खबर सुणण मा औणी छ कि वूंन परिषद का अध्यक्ष का रूप मा मिलण वळि सुविधाओं तै ल्हेण से मना करियाले अर दगड़ मा वूंन राज्य सरकार से यो बि अनुरोध करे कि या धनराशि पूर्व सैनिक का कल्याण का वास्ता खर्च करे जावा। ये बाबत कर्नल (से.नि.) कोठियाल को सैनिक कल्याण निदेशक खुणि भेज्यीं चिट्ठी सोशल मीडिया पर खूब वायरल होती छ।
उत्तराखंड राज्य एक सैनिक बाहुल्य प्रदेश छ अर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी त बोल्दन कि उत्तराखंड मा पांचवों धाम सैन्य धाम छ। इना प्रदेश मा राज्य गठन का बाद 25 साल मा हि सै पर कर्नल (से.नि) अजय कोठियाल की या पहल भौत बढै कर्न जुगा छ। उत्तराखंड राज्य पूर्व सैनिक सलाहकार परिषद अध्यक्ष का रूप मा कर्नल (से .नि) कोठियाल तै लगभग देवी लाख जैमा वाहन भत्ता 80 हजार रु, आवास/कार्यालय 25 हजार रु, टेलीफोन/मोबाइल 02 हजार रु, स्टाफ भत्ता 27 हजार रु, महानुभाव को मानदेय 45 हजार रु, महानुभाव को यात्रा भत्ता 40 हजार रु आदि शामिल छ, मिलणु छौ, पर वूंन वो सब खर्चा खुद हि उठाणौ फैसला करि। सब जगा लोग वूंका ये निर्णय की तारीफ कर्ना छन।
कर्नल (से.नि.) अजय कोठियाल न् सैनिक कल्याण निदेशक खुणि भेज्यीं चिट्ठी मा यो बि लेखी कि सैनिक कल्याण का बिंडि करि क काम निदेशालय का माध्यम से हि होंदन इलै परिषद को कार्यालय निदेशालय परिसर का भितर हि हो त ठिक रालो। ये बाबत वूंन यो बि लेखी कि परिषद का अस्थाई कार्यालय का विषय मा वूंन पैलि बि चिट्ठी लेखी छई पर निदेशालय न् ये काम मा 2 लाख 45 हजार को खर्चा बतै छौ। वूंन यो बि लेखी कि ये बाबत फाइल सरकार मा भेजीं पर सरकारी काम मा औपचारिकता का कारण ये मा अबेर ह्वे सकद, इलै परिषद को अस्थाई कार्यालय बणौण मा खर्च होण वल़ा 2 लाख 45 हजार रु बि वो अपणा खीसा बटि देणौ तैयार छन, ताकि ये काम मा कै प्रकारै अबेर न हो।
ये से पैलि कर्नल (से.नि) कोठियाल न् 28 साल फौज की नौकरि करि। साल 2018 मा स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ल्हे अर फिर उत्तराखंड राज्य मा समाज सेवा मा लग गेनि। यूथ फाउंडेशन का माध्यम से वूंन कतनै युवाओं तैं फौज मा जाणौ तैयार करि अर केदारनाथ मा 2013 की आपदा का बाद पुर्ननिर्माण कार्यों मा बि कर्नल (से.नि.) की खास भूमिका रै। अब एक बार फिर दायित्वधारी मंत्री का रूप मा मिलण वळि सुविधाओं को परित्याग करिक वूंन एक नई मिसाल कायम करि।